हिंदू धर्म में गणेश जी को शुभ और लाभ का देवता माना जाता है। जो लोग इनकी पूजा अर्चना सच्चे मन से करते हैं, उन पर सदा गणेश जी की कृपा बनी रहती है। हिंदू समाज में दिवाली के दिन लक्ष्मी और गणेश जी की आरती एक साथ की जाती है, जिससे घर में शांति और समृद्धि की उत्पत्ति होती है। Ganesh Ji Ki Aarti के लिए आपको इस आर्टिकल को अंत तक पढ़ना चाहिए। इसके साथ ही आप यहां पर आरती की विधि और फायदे के बारे में विस्तार से जानेंगे।
गणेश जी की कहानी
एक प्राचीन कथा के अनुसार किसी गांव में एक बुढ़िया रहती थी, जो मिट्टी के गणेश भगवान की मूर्ति बनाकर उसकी पूजा करते थी। जब वह बुढ़िया मिट्टी के भगवान बनाती, तब कुछ दिन में वह टूट कर मिट्टी में मिल जाता था। एक दिन उसने अपने घर के पास किसी सेठ का मकान बनते हुए देखा। तब मकान के पास काम कर , वहां मौजूद मिस्त्री से उसने पत्थर के गणेश जी बनाने का निवेदन किया। इस पर वहां काम कर रहे मिस्त्री ने बुढ़िया का मजाक उड़ाते हुए मूर्ति बनाने से इनकार कर दिया।
यह देखकर, बुढ़िया ने क्रोध में आकर मिस्त्री को श्राप दे दिया और कहां कि “तुम्हारे द्वारा बनाए गए मकान की हर दीवार कभी भी सीधी नहीं बनेगी। जिस दीवार को तुम अपने हाथो से बनाओगे वह वही नष्ट हो जाएगी।” परिणाम स्वरूप मिस्त्री द्वारा बनाई गई मकान की दीवार नष्ट हो जाती है और शाम तक मकान का कुछ भी कार्य नहीं हो पता। शाम को वहां मकान का सेठ पहुंचता है और मिस्त्री से पूछने लगता है क्या हुआ? “अब तक मकान का कोई कार्य क्यों नहीं हो पाया।” जिसके जवाब में मिस्त्री ने बुढ़िया की सारी बातें बता दी।
सेठ ने मिस्त्री की सारी बात सुनकर बुढ़िया को बुलावा भेजा। बुढ़िया के आने पर सेठ हाथ जोड़कर मिस्त्री की गलती के लिए क्षमा मांगता है। और बुढ़िया से वादा करता है कि “मैं आपको सोने के गणेश जी मूर्ति प्रदान करूंगा।” कृपया आप अपना श्राप वापस ले लीजिए। तब बुढ़िया ने उसकी प्रार्थना को स्वीकार कर लिया और अपना श्राप वापस ले लिया। उसके बाद सेठ ने बुढ़िया को सोने के गणेश जी की मूर्ति बनवाई और उसे उपहार में दे दी। इस तरह से वह बुढ़िया के श्राप से पूर्ण रूप से मुक्त हो गया।
गणेश जी की आरती के फायदे
गणेश जी देवो के देव महादेव के पुत्र है जब शिव की महिमा अपरंपार है तो गणेश जी की आरती के फायदे चमत्कारी क्यों ना हो? गणेश जी की आरती के आनेको फायदों को आप नीचे पढ़ सकते हैं।
- गणेश जी की आरती से घर में शांति बनी रहती है।
- जीवन के सभी लक्ष्यों में सफलता प्राप्त होती है।
- गणेश जी की आरती करने से धन की प्राप्ति होती है।
- गणेश जी की आरती करने से बुद्धि और बल में बढ़ोतरी होती है।
- इनकी आरती करने से धैर्य की भावना उत्पन्न होती है।
- गणेश जी की आरती से मनवांछित फल की प्राप्ति होती है।
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गणेश जी की आरती करने की सही विधि
जो कोई व्यक्ति गणेश जी की आरती सही विधि से करता है, उसके घर में शुभ और लाभ होता है। अगर आप भी गणेश भगवान की आरती करना चाहते है, तो नीचे बताई विधि का पालन अवश्य करें।
- गणेश जी की आरती करने से पहले प्रातः काल उठकर खुद को साफ सुथरा कर लेना चाहिए।
- मंदिर की जगह पर साफ सफाई कर लेनी चाहिए।
- आरती करने से कुछ समय पहले शंख बजाना चाहिए। शंख बजाते समय हमे ध्यान रखना चाहिए कि शंख को धीरे-धीरे बजाते हुए उच्च ध्वनि की तरफ ले जाना चाहिए।
- आरती के दौरान लड्डुओ का भोग लगाना चाहिए।
- गणेश जी के सामने अगरबत्ती, दीप, कपूर जलाकर उनकी आरती करनी चाहिए।
- आरती के समय हर इच्छा को स्मरण करते हुए, भगवान से प्रार्थना करने चाहिए।
जानें गणेश जी के एकदंत बनने की पौराणिक कथा|
Ganesh Ji Ki Aarti हिंदी में पढ़ें
शुभ और लाभ यह दोनो ही किसी भी व्यक्ति के जीवन महत्वपूर्ण कारक है। बिना इसके जीवन अधूरा है। इसके लिए आपको भगवान गणेश जी की आरती जरूर करना चाहिए। पूरी आरती के बारे में जानने के लिए आगे पढ़ें।
श्री गणेश जी की आरती / Ganesh ji ki aarti
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती
पिता महादेवा ॥
एक दंत दयावंत,
चार भुजा धारी ।
माथे सिंदूर सोहे
मूसे की सवारी ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती
पिता महादेवा ॥
पान चढ़े फल चढ़े,
और चढ़े मेवा ।
लड्डुअन का भोग लगे
संत करें सेवा ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती
पिता महादेवा ॥
अंधन को आंख देत,
कोढ़िन को काया ।
बांझन को पुत्र देत
निर्धन को माया ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती
पिता महादेवा ॥
‘सूर’ श्याम शरण आए,
सफल कीजे सेवा ।
माता जाकी पार्वती
पिता महादेवा ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती
पिता महादेवा ॥
दीनन की लाज रखो,
शंभु सुतकारी ।
कामना को पूर्ण करो
जाऊं बलिहारी ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती
पिता महादेवा ॥